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IND vs ENG- भारत में सीरीज जीतना एशेज से बड़ी जीत होगी: ग्रीम स्वान
प्रसाद आरएस, चेन्नै इंग्लैंड के पूर्व ऑफ स्पिनर (Graeme Swann) को भारतीय सरजमीं पर गेंदबाजी का काफी अनुभव है। कभी उनका प्रदर्शन शानदार रहा है तो कभी भुला देने वाला। स्वान ने 2008 की सीरीज में अपना डेब्यू किया था लेकिन उस सीरीज में इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके चार साल बाद उन्होंने इंग्लैंड को 2-1 से सीरीज जितवाने में अहम भूमिका अदा की। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत में इंग्लैंड के लिए 60 टेस्ट, 79 वनडे और 39 टी20 खेलने वाले स्वान (Swann) ने भारत के खिलाफ आगामी सीरीज, जो रूट की भूमिका आदि के बारे में बात की। भारत और इंग्लैंड के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज को आप कैसे देखते हैं? आज के वक्त में देखें तो मुझे लगता है कि भारत एक बेहद मजबूत टीम है। इसे हराना आसान नहीं है। यहां टेस्ट सीरीज जीतना एशेज (Ashes) जीतने से भी बड़ा होगा। भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज (India vs Australia) में हराया है। ऑस्ट्रेलिया में जाकर टेस्ट जीतना सबसे मुश्किल है। भारत में आकर भारतीय स्पिनर्स के खिलाफ खेलना असली चुनौती है। इंग्लैंड के लिए भारत में आकर टेस्ट सीरीज जीतना एशेज से बड़ी उपलब्धि होगी। इंग्लैंड की टीम श्रीलंका को 2-0 से टेस्ट सीरीज हराकर भारत पहुंची है। उस जीत से उन्हें कितना आत्मविश्वास मिलेगा? मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड की टीम श्रीलंका में मिली जीत से जरूरत से ज्यादा उत्साहित होगी। खास तौर पर अपने गेंदबाजी प्रदर्शन को लेकर वह जरूर विचार करेगी। श्रीलंका ने शुरुआती टेस्ट की पहली पारी में काफी लापरवाही से बल्लेबाजी की जिसका फायदा इंग्लैंड को मिला। डोम बेस और जैक लीच ने अच्छा प्रदर्शन दिखाया लेकिन वे अभी विश्व स्तरीय नहीं हैं। कुछ समय बाद उन्हें यह समझ आएगा कि यह भारतीय टीम मौजूदा श्रीलंकाई टीम से कितना आगे है। आपको इस भारतीय लाइन-अप में क्या कमजोरी नजर आती है? भारत में भले ही दूसरी पारी में विकेट टर्न होती हो लेकिन पहली पारी में यह बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छी होती है। इंग्लैंड को पहली पारी में भारत के बराबर या उससे ज्यादा रन बनाने चाहिए और उसके बाद आगे की प्लानिंग करनी चाहिए। इंग्लैंड रन बनाने के लिए काफी हद तक कप्तान जो रूट () पर निर्भर होगा। अगर इंग्लैंड पहली पारी में अधिक रन बना सका और फिर उसने भारत को नियंत्रित कर लिया तब उसके पास कोई मौका हो सकता है। इंग्लैंड ने पहले दो टेस्ट मैचों के लिए जॉनी बेयरस्टो को शामिल नहीं किया है, जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है। आपकी इस मुद्दे पर क्या राय है? यह बहुत हैरानी की बात है कि Johny Bairstow पहले दो टेस्ट मैचों के लिए नहीं चुना गया। उन्हें आराम दिया गया है जो मेरी नजर में काफी अजीब सी बात है। क्या आपको लगता है कि अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रदर्शन से उन आलोचकों को चुप करा दिया है जो विदेशी दौरों पर उनके रेकॉर्ड को लेकर सवाल उठाते थे? अश्विन (Ravichandran Ashwin) की आलोचना करना अजीब सी बात है। अश्विन बहुत अच्छे ऑफ स्पिनर हैं। वह भारत के लिए बहुत बड़ा हथियार हैं। आपको उनकी तारीफ करनी चाहिए न कि आलोचना। इंग्लैंड को ऑफ-स्पिनर अश्विन का सामना करने के लिए क्या रणनीति बनानी चाहिए? रूट (Joe Root) अश्विन का सामना करने के लिए इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं क्योंकि स्पिनर्स के खिलाफ उनकी तकनीक शानदार है। इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रूट की नकल करनी होगी। वह अपने शॉट चयन को लेकर बहुत सिलेक्टिव हैं। वह स्वीप शॉट अच्छा खेलते हैं। अन्य बल्लेबाजों को इस बात पर ध्यान से नजर रखनी चाहिए कि रूट किस तरह बल्लेबाजी कर रहे हैं। इस सीरीज में वह इंग्लैंड का ट्रंप कार्ड हैं। क्या आपको लगता है कि भारतीय टीम में दूसरे स्पिनर की कमी है, यह वह भूमिका है जो बीते कुछ वर्षों से रविंद्र जडेजा निभाते रहे हैं? चेन्नै का विकेट पहले तीन दिनों में बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छा होता है और फिर यह काफी टर्न होता है। जडेजा (Ravindra Jadeja) की कमी बेशक टीम इंडिया को खलेगी क्योंकि वह दूसरे छोर पर कंट्रोल के साथ गेंदबाजी करते हैं। पर ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर लगाम लगाने के लिए अश्विन को दूसरे छोर पर किसी दूसरे गेंदबाज की जरूरत है।
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