सेंचुरी, मैन ऑफ द मैच... फिर क्यों चेन्नै में फूट-फूटकर रोने लगे थे सचिन

नई दिल्लीमहान बल्लेबाजों में शुमार और उनके फैंस के लिए 31 जनवरी का दिन खुशी और गम दोनों से भरा है। आज से 22 साल पहले 1999 में चेन्नै के चेपॉक स्टेडियम में सचिन तेंडुलकर () ने पाकिस्तान के खिलाफ शतक जड़ा था, लेकिन भारत को इस बेहद रोमांचक मैच में 12 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी। सचिन बने मैन ऑफ द मैच1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच तब 9 साल के अंतराल में पहला टेस्ट मैच चेन्नै में खेला गया। तीन मैचों की इस सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत को 12 रन से करीबी हार झेलनी पड़ी। 28 जनवरी से शुरू हुए इस मुकाबले में मैन ऑफ द मैच तो सचिन तेंडुलकर बने लेकिन इस बात की खुशी कम थी क्योंकि उनकी टीम हार गई। 12 रन से हारा था भारतवसीम अकरम की कप्तानी वाली टीम पाकिस्तान ने पहली पारी में 238 रन बनाए, जिसमें मोईन खान और मोहम्मद यूसुफ ने अर्धशतक जड़े। अनिल कुंबले ने 6 विकेट झटके फिर मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी में भारत ने सौरभ गांगुली और राहुल द्रविड़ की फिफ्टी की बदौलत 254 रन बनाए। दूसरी पारी में शाहिद अफरीदी ने बेहतरीन अंदाज में खेलते हुए 191 गेंदों पर 141 रन बनाए और इंजमाम उल हक के साथ 97 रन की साझेदारी की। पाकिस्तान ने 286 रन बनाकर भारत को 271 रन का टारगेट दिया। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी को उतरे सचिन ने 136 रन बनाए लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। पाक के लिए सकलैन मुश्ताक ने पांच, शाहिद अफरीदी ने तीन जबकि कप्तान वसीम अकरम ने दो विकेट झटके। भारत को थी 17 रन की जरूरत और सचिन OUTलक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के 5 विकेट 82 रन तक गिर गए थे, ऐसा भी लगने लगा था कि मेजबान टीम मैच बचाने के लिए खेल सकती है लेकिन सचिन और नयन मोंगिया ने शतकीय साझेदारी की और उम्मीदें बढ़ने लगीं। दोनों ने छठे विकेट लिए 136 रन जोड़े। जब मोंगिया (52) को वसीम अकरम ने पविलियन भेजा, तब भारत का स्कोर 218 रन पर पहुंच गया था। टीम इंडिया जीत से सिर्फ 53 रन दूर थी और उसके चार विकेट शेष थे। पीठ के दर्द के बावजूद सचिन क्रीज पर टिके हुए थे। फिर सुनील जोशी और सचिन ने सातवें विकेट लिए 36 रन जोड़े। जब भारत जीत से मात्र 17 रन दूर था, तब सचिन को सकलैन ने अकरम के हाथों कैच करा दिया और देखते ही देखते 258 पर पूरी भारतीय पारी को रोक दिया। हार के बाद सचिन हुए भावुकजब सचिन की साहसिक पारी के बावजूद भारत जीत नहीं पाया तो वह रोने लगे। उस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारी राज सिंह डूंगरपुर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सचिन जैसे ही आउट हुए, तो वह ड्रेसिंग रूम में आकर रोने लगे। डूंगरपुर और टीम इंडिया के तत्कालीन कोच अंशुमान गायकवाड़ के समझाने के बाद भी सचिन खुद को हार का जिम्मेदार मान रहे थे और वह काफी देर तक रोते रहे।


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