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पिता मजदूर, बेटे ने U19 विश्व कप में किया करिश्मा
हापुड़ दक्षिण अफ्रीका में खेला जा रहा है। क्वार्टर फाइनल के पहले मुकाबले में भारत की ओर से तेज गेंदबाज ने शानदार गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को वापस पविलियन जाने को मजबूर कर दिया। इसके साथ ही कार्तिक त्यागी का नाम भी लोगों की जुबान पर चढ़ने लगा है। कार्तिक एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के रहने वाले हैं। क्वार्टर फाइनल के पहले मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान के साथ 233 रनों का स्कोर बनाया। इस स्कोर का पीछा करने उतरी कंगारू टीम ने त्यागी के पहले ही ओवर में तीन विकेट खो दिए। जेक फ्रेजर मैकगर्क पहली ही गेंद पर रनआउट हुए, जिसके बाद कैप्टन मैकेंजरी हार्वे 4 रनों के साथ कार्तिक त्यागी की गेंदबाजी का शिकार हो गए। इसी ओवर में लचलम हीर्वे को भी त्यागी ने पविलियन का रास्ता दिखा दिया। 17 के स्कोर तक पहुंचते-पहुंचते ऑस्ट्रेलिया के चार बल्लेबाज पविलियन लौट चुके थे। मैन ऑफ द मैच बने कार्तिक भारत ने कंगारू टीम को 43.3 ओवरों में 159 रनों पर ऑल आउट कर दिया। भारत की ओर से कार्तिक त्यागी ने चार और आकाश सिंह ने तीन विकेट लिए। कार्तिक त्यागी 8 ओवरों में 24 रन देते हुए 4 विकेट अपने नाम किए। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच दिया गया। कार्तिक त्यागी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के धनौरा क्षेत्र के निवासी हैं। त्यागी 13 वर्ष की उम्र में इस खेल के साथ जुड़ गए थे। पढ़ें: पिता के साथ खेतों में काम करते थे त्यागी इन सबके इतर अगर राष्ट्रीय टीम तक के उनके सफर पर गौर किया जाए तो वह वास्तव में मुश्किलों भरा था। कार्तिक एक गरीब किसान परिवार से आते हैं। कार्तिक को की ट्रेनिंग दिलाने के लिए उनके पिता योगेंद्र ने ढेरों दिक्कतों का सामना करना किया है। किशोरावस्था में त्यागी अपने पिता के खेतों में उनकी मदद करते थे। वह खेतों से होने वाली उपज को बोरियों में भरकर लाते-ले जाते थे। ...और अंडर-19 में हो गया त्यागी का चयन 17 वर्ष की उम्र में त्यागी ने कूचबिहार ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश की रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम की जीत के लिए पूर्व में चैंपियन रहे विदर्भ के खिलाफ भी बेहतरीन गेंदबाजी की। इसके साथ ही कार्तिक की जिंदगी बदल गई। कार्तिक ने पहली बार पिछले वर्ष जून-जुलाई में अंडर-19 टीम में चयन के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया था, 'मुझे बीसीसीआई मैनेजर अमित सिद्धेश्वर सर का फोन आया था और उन्होंने मुझे बताया कि मेरा सिलेक्शन अंडर-19 टीम में हो गया है। मैंने और मेरे पिता ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए ढेरों समस्याओं का सामना किया है। बचपन से मुझे क्रिकेट पसंद था, यह सबकुछ मेरे पिता ने देखआ और मेरा साथ दिया।'
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