'WC के दौरान सिलेक्टर सिर्फ अनुष्का के लिए चाय ला रहे थे'

तुषार दत्त, पुणे भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वह अपनी बात खुलकर बोलते हैं। मंगलवार को पुणे पहुंचे इंजीनियर ने एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) पर जमकर निशाना साधा वहीं दूसरी ओर सिलेक्टर्स को भी आड़े हाथों लिया। 82 वर्षीय इंजीनियर मौजूदा चयन समिति से भी खुश नहीं हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'हमारे पास मिकी माउस सिलेक्शन समिति है।' उन्होंने कहा कि टीम चयन कोई चुनौती नहीं है क्योंकि इसमें विराट कोहली की काफी चलती है। इंजीनियर ने कहा, 'टीम चयन की प्रक्रिया में विराट कोहली की बहुत अहम भूमिका है जो एक बहुत अच्छी बात है। लेकिन सिलेक्टर्स की क्या खूबी है? सभी सिलेक्टर्स ने मिलकर कुल 10-12 टेस्ट मैच खेले होंगे। मैंने इनमें से एक सिलेक्टर को पहचाना भी नहीं था। मैंने किसी से पूछा 'यह कौन था जिसने भारत का ब्लेजर पहन रखा था, तो उसने बताया कि यह एक सिलेक्टर है।' वे सिर्फ (विराट की पत्नी) को चाय के कप दे रहे थे। मुझे लगता है कि दिलीप वेंगसरकर के कद के किसी इनसान चयन समिति में होना चाहिए।' मुंबई के लिए 1958-59 और 1975-76 के बीच रणजी क्रिकेट खेलने वाले इंजीनियर को लगता है कि चयनकर्ताओं ने कीपर ऋषभ पंत को भी सही तरह से मैनेज नहीं किया। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कहा कि पंत को वनडे टीम से ड्रॉप नहीं किया जाना चाहिए था। पंत को कार्तिक पर तरजीह देकर वर्ल्ड कप में ले जाना चाहिए था। इससे उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के साथ खेलकर काफी अनुभव मिलता।' सौरभ गांगुली के भारतीय क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनने से इंजीनियर काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा, 'अब वक्त आया है कि एक क्रिकेटर बोर्ड को चला रहा है क्योंकि सीओए, मेरी नजर में पूरी तरह से वक्त की बर्बादी थी।' दिलीप वेंगसरकर की अकादमी पहुंचे इंजीनियर ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत में कहा, 'उन्हें क्रिकेट के बारे में कोई आइडिया नहीं था। डायना एडुल्जी ने थोड़ा क्रिकेट खेला है लेकिन आपको ऐसे लोगों की जरूरत होती है जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट, इंटरनैशनल क्रिकेट, इंटरनैशनल मैचों की समझ हो। सुप्रीम कोर्ट और लोढ़ा पैनल की मंशा सही थी लेकिन उसका क्रियान्वयन अच्छे से नहीं हुआ। सीओए में बहुत-बहुत गलत लोगों की नियुक्ति हुई।' 1961-1975 के बीच भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेलने वाले इंजीनियर ने कहा, 'मैं उस दिन पढ़ रहा था कि सीओए को अपने काम के लिए 3.5 करोड़ रुपये मिले। यह अपराध है। इसके साथ ही मुझे लगता है कि मीटिंग और अन्य चीजों के लिए उन्हें हजारों रुपये दिए गए होंगे। मुझे लगता है वे लोग हनीमून पर ते। अब हनीमून समाप्त हो गया है।' इंजीनियर को लगता है कि गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से खेल का फायदा होगा। उन्होंने कहा, 'वह एक दमदार खिलाड़ी थे, एक ऐसे कप्तान जिन्होंने बोल्ड फैसले लिए और मुझे उम्मीद है कि वह बतौर बोर्ड अध्यक्ष भी ऐसा ही करेंगे।'


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