बेटे ने गॉड ऑफ टेनिस को चुनौती दे दी: सुमित नागल के पिता

नई दिल्ली तीन क्वॉलिफायर मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज करके भारत के जब साल के अंतिम ग्रैंडस्लैम टेनिस टूर्नमेंट में पहुंचे तो जाहिर सी बात है उन्हें काफी खुशी हुई होगी। लेकिन, जब उन्हें पता चला कि मेन ड्रॉ में उनका पहला ही मुकाबला सर्वकालिक महान खिलाड़ी और उनके आदर्श रोजर फेडरर से होने वाला है तो उन्हें यह आभास जरूर हुआ होगा कि अपने सफर को पहले राउंड से आगे बढ़ाना सपना सच होने होगा। नागल का सफर तो (6-4, 1-6, 2-6, 4-6) पहले राउंड से आगे नहीं बढ़ सका, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन उन्होंने किया उस पर आज पूरे देश को गर्व है। खुद उनके पिताजी ने नवभारत टाइम्स से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस प्रदर्शन की उम्मीद भी नहीं की थी। सुमित के पिताजी शिक्षक हैं और मां हाउसवाइफ हैं। माता-पिता मूल रूप से हरियाणा के झज्जर से हैं लेकिन दिल्ली के नांगलोई में रहते हैं। सुमित ने अपनी स्कूली शिक्षा पश्चिम विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से की है। वह जब आठ साल के थे तभी उनके पिताजी ने टेनिस अकैडमी में उनका दाखिला करा दिया। सुमित के पिताजी ने बताया कि क्वॉलिफायर के बाद जैसे ही उन्हें पता चला कि पहला ही मुकाबला फेडरर से है तो उन्होंने जीत की उम्मीद छोड़ दी। हालांकि इतनी खुशी जरूर हुई कि उसे अपने पहले ही ग्रैंड स्लैम टूर्नमेंट में टेनिस के भगवान से भिड़ने का मौका मिल गया। पढ़ें: उन्होंने कहा, 'बेटे का प्रदर्शन देखकर बहुत अच्छा लगा। जब सामने फेडरर हों तो किसी तरह की उम्मीद कर ही नहीं सकता था। उनके सामने भी कोई उम्मीद होती है। लेकिन जब वह पहला सेट जीत गया तो मुझे लगा कि उसने मैच जीत लिया है। उसने तो टेनिस के भगवान को चुनौती दे दी। भले ही सुमित हार गया, लेकिन मुझे उसके प्रदर्शन पर गर्व है।' पढ़ें: कृष्ण नागल ने बताया कि मैच के बाद उन्होंने सुमित से बात की और वह अपने प्रदर्शन से काफी खुश था। बकौल कृष्ण, 'मैच के तुरंत बाद सुमित से मेरी बात हुई। वह अच्छा महसूस कर रहा था। मैंने तो उसको कहा बहुत अच्छा खेले। पहली बार आप ग्रैंड स्लैम खेलने उतरे और फेडरर जैसे खिलाड़ी को इस तरह की चुनौती दे दी, यह साधारण बात नहीं है। अच्छी फाइट दी। मैं तो कहता हूं कि शायद सुमित पहला भारतीय खिलाड़ी होगा जो किसी ग्रैंड स्लैम में टॉप-5 खिलाड़ी के खिलाफ पहला सेट जीता हो।' सुमित के पिताजी टेनिस के जबर्दस्त फैन रहे हैं। वह जब टीवी पर मैच देखते थे तो मन में यही सोचते थे किं अपने बच्चे को टेनिस खिलाड़ी बनाऊंगा। आज उनकी वह इच्छा पूरी हो रही है। उन्होंने कहा, 'मैंने परिवार के साथ बैठकर सुमित का मैच देखा। मेरे साथ मेरी पत्नी और बेटी थी। हम सभी काफी खुश हैं। मैं सच बताऊं तो आज सुमित को खेलता देख मेरी इच्छा पूरी हो गई। मैं टेनिस का जबर्दस्त फैन रहा हूं। मैं आंद्रे अगासी, पीट सैम्प्रास और उस दौर के दिग्गज खिलाड़ियों का मैच देखना कभी नहीं छोड़ता था।'


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