मिशन सीरीज फतह: साउथ अफ्रीका में विराट कोहली क्यों हैं भारत की सबसे बड़ी उम्मीद

नई दिल्ली रंगभेद नीति के कारण साउथ अफ्रीका को 21 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट बिरादरी से बाहर कर दिया गया था। ऐसा तब हुआ जब उसके पास दुनिया की सबसे ताकतवर टीम थी। उसने क्रिकेट में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज जैसी ताकतवर टीम के छक्के छुड़ा दिए थे। 1975, 1979, 1983 और 1987 वर्ल्ड कप दक्षिण अफ्रीका के बिना खेले गए। 1992 में उसकी दोबारा वापसी हुई। वैसे साउथ अफ्रीका दौरा दुनिया की हर क्रिकेट टीम के लिए हमेशा से चैलेंजिग रहा है। पहली सीरीज जीत की तलाश में भारत नवंबर 1992 में भारत ने पहली बार साउथ अफ्रीका का दौरा किया था। तब से लेकर अबतक टीम इंडिया प्रोटिज सरजमीं पर एक भी सीरीज नहीं जीत पाई है। सिर्फ भारत ही नहीं श्रीलंका को छोड़कर किसी भी एशियाई टीम को वहां सफलता हाथ नहीं लगी। अब 26 दिसंबर से तीन टेस्ट मैच की सीरीज की शुरुआत बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच से होने वाली है। कप्तान अजहरुद्दीन से शुरू हुए इस सफर को मौजूदा कैप्टन कोहली एक सुखद अंत देकर छोड़ना चाहेंगे। गुरु द्रविड़ ने दिए कप्तान कोहली को मंत्र भारतीय टीम टेस्ट सीरीज जीतने के लिए जोहानिसबर्ग के हालातों से अनुकूल होने के साथ कड़ी मेनहत कर रही है। बीसीसीआई ने मंगलवार को टीम के दूसरे प्रैक्टिस सेशन की फोटोज पोस्ट कीं, जिसमें खिलाड़ी कड़ी मेहनत करते नजर आ रहे हैं। एक लंबे अभ्यास सत्र में मुख्य कोच राहुल द्रविड़ खिलाड़ियों को कुछ स्पेशल टिप्स देते दिखाई दे रहे हैं। द्रविड़ ने पहले प्रशिक्षण सत्र में अच्छा अभ्यास पर जोर दिया था, इसके बाद सोमवार को उन्होंने विकेटकीपर ऋषभ पंत और साहा को विकेट के पीछे कुछ स्पेशल गुण सिखाए। घास वाली पिच पर कैसे खेंलेगे विराट जोहानिसबर्ग में 1400 मीटर की ऊंचाई पर बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए विराट कोहली एक स्वेटर पहनकर अभ्यास सत्र मे हिस्सा लेने आए थे, जिसके बाद उन्हें द्रविड़ से बल्लेबाजी के टिप्स लेते हुए देखा गया। बाद में द्रविड़ और बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर को जसप्रीत बुमराह सहित भारतीय तेज गेंदबाजों के साथ बातचीत करते देखा गया, जिन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए आराम दिया गया था। विराट को रास आती है SA में बल्लेबाजी साउथ अफ्रीका में सिर्फ दो ही भारतीय टेस्ट बल्लेबाजों की औसत 50 से ज्यादा है। पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली और दूसरे टीम के सीनियर बैटर अजिंक्य रहाणे। दोनों के अलावा क्रिकेट इतिहास में कोई भी हिंदुस्तानी दिग्गज प्रोटिज सरजमीं पर इतना शानदार खेल नहीं दिखा पाया है। कोहली जहां भारत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 64.6 की औसत से 517 रन बना चुके हैं तो साउथ अफ्रीका में उनके बल्ले से 55.8 की औसत से 558 रन निकले हैं। 2018 दौरे के हीरो थे विराट कोहली पिछले दौरे में विराट कोहली भारत के सर्वोच्च स्कोरर थे। इस दौरान उन्होंने छह पारियों में 47.66 की औसत से एक शतक और एक अर्धशतक भी जमाया था। वैसे तीन टेस्ट मैच की सीरीज के दौरान पूरा फोकस भारत के तेज गेंदबाजों पर ही होगा। द्रविड़ इस बात पर खास ध्यान देते नजर आए कि कैसे नेट्स में मोहम्मद सिराज और उमेश यादव गेंदबाजी कर रहे हैं। सोमवार को, भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कहा था कि उनके खिलाड़ियों को उछाल वाली परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा और सही क्षेत्रों पर हिट करने के लिए उन्हें अपनी तकनीक पर काम करना होगा।


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