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यॉर्कर और फुल टॉस, करन का फिसलना, चौके पर खुशी... नटराजन के आखिरी ओवर में रोमांच था भरपूर
पुणे एक शानदार सीरीज का इससे रोमांचक अंजाम नहीं हो सकता था। सीरीज बराबर थी। और सीरीज कौन जीतेगा इसका फैसला आखिरी छह गेंदों पर आकर टिका था। भारत जो कुछ ओवर्स पहले तक इस मैच को आसानी से जीतता हुआ नजर आ रहा था अब मुश्किल में था। बाइस साल के ऑलराउंडर सैम करन ने भारतीय टीम को मुश्किल में डाल दिया था। वह 90 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे। भारतीय टीम को मालूम था कि एक चूक और मैच के साथ सीरीज भी हाथ से निकल जाएगी। टीम के कप्तान विराट कोहली ने आखिरी ओवर के लिए गेंद युवा टी. नटराजन को थमाई। पुणे के मैदान पर अब सारी उम्मीदें उन पर टिकी थीं। नटराजन के लिए यह बहुत बड़ा मौका था। पहले वह खुद को साबित कर चुका था लेकिन उसके अभी तक के छोटे से करियर में यह मौका बड़ा था। यॉर्कर उनकी खासियत है लेकिन लेंथ में गलती की गुंजाइश नहीं थी। ओवर शुरू होने से पहले रोहित शर्मा ने उनसे बात की। इस लम्हे के लिए रोहित का शांत दिमाग परफेक्ट था। भारत 329 रन पर ऑल आउट हुआ था और उसने 9 गेंद कम खेली थीं। इंग्लैंड का स्कोर 8 विकेट पर 316 रन था। यानी इंग्लैंड को जीत के लिए 14 रन चाहिए थे और भारत के पास 12 रन थे। 13 रन बनने पर सुपर ओवर होता। तो नटराजन के आखिरी ओवर में कैसा रहा रोमांच देखते हैं... 49.1 नटराजन सैम करन को- आउट भारत को विकेट की सख्त दरकार थी। नटराजन ने यॉर्कर फेंकी। करन ने उसे किसी तरह लॉन्ग ऑन पर खेला। दोनों बल्लेबाजों ने रन पूरा किया। दूसरे रन के लिए दौड़ते इससे पहले करन नॉन-स्ट्राइकर छोर पर फिसल गए। लेकिन वुड काफी आगे आ चुके थे। हार्दिक पंड्या ने भी मानसिक सतर्कता का परिचय दिया। उन्होंने थ्रो सीधा विकेटकीपर छोर पर फेंका। तेज और सपाट। एक टप्पे के साथ विकेट के बिलकुल ऊपर। ऋषभ पंत ने भी गेंद को थामने में कोई गलती नहीं की। वुड ने वापसी की भरसक कोशिश की। छलांग भी लगाई लेकिन वह क्रीज से बाहर रह गए। उन्होंने 21 गेंद पर 14 रन बनाए लेकिन अहम बात रही उनकी करन के साथ 60 रन की साझेदारी। 49.2 नटराजन की गेंद टॉपली को- 1 रन अब जीत भारत से सिर्फ एक सटीक यॉर्कर दूर थी। नटराजन ने फिर यॉर्कर फेंकने की कोशिश की। इस बार ऑफ स्टंप से बाहर। टॉपली ने उसे डीप पॉइंट की ओर खेल दिया। एक रन। इंग्लैंड को इसी की जरूरत थी। 49.3- नटराजन, सैम करन को, कोई रन नहीं एक और फुल लेंथ बॉल। इस युवा ने बहुत शानदार गेंदबाजी की। उन्हें मालूम था कि इस लेंथ में जरा सी चूक भारी पड़ सकती है लेकिन उन्होंने लगातार अच्छा खेल दिखाया। ऑफ स्टंप के बाहर, वाइड लाइन। बल्लेबाज को हाथ खोलने का जरा मौका नहीं मिला। करन ने गेंद को लेग साइड पर खेला। 1 रन लेने का मौका था लेकिन करन ने इसके खिलाफ जाने का फैसला किया। अब 3 गेंद पर 12 रन की जरूरत थी। 49.4- नटराजन सिंह, सैम करन को- कोई रन नहीं- इस बार नटराजन से चूक हुई। यॉर्कर की लेंथ मिस कर गए। गेंद फुल टॉस थी। लेकिन रकन इसका फायदा नहीं उठा पाए। उन्होंने गेंद को लॉन्ग ऑफ की दिशा में खेला। कोहली ने गेंद को उठाया। करन ने फिर रन लेने से इनकार कर दिया। इंग्लैंड को अब दो गेंद पर 12 रन चाहिए थे। आईपीएल में ऐसा हो चुका था, जब धोनी ने अक्षर पटेल की गेंदों को मैदान के बाहर भेजा था। इंग्लैंड के खेमे में अब भी उम्मीद थी और भारतीय कप्तान अब भी फिक्रमंद। 49.5- टी नटराजन, सैम करन को- चौका यह ओर पिच गेंद थी। ऑफ स्टंप से बाहर। करन ने पूरा दम लगाकर शॉट खेला। गेंद एक्स्ट्रा कवर बाउंड्री की ओर चार रन के लिए गई। चौका पड़ने के बाद भी भारतीय खेमे में सुकून था। इंग्लैंड को अब आखिरी गेंद पर 8 रन चाहिए थे और भारत को एक लीगल गेंद। 49.6- टी नटराजन, सैम करन को- कोई रन नहीं। फुल बॉल। करन ने उसे लॉन्ग ऑन पर हार्दिक पंड्या की ओर खेला। जो जीत भारत को आसानी से मिलती नजर आ रही थी उसके लिए उसे काफी पसीना बहाना पड़ा।
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