मां बनने के बाद 2 साल का ब्रेक, लौटते ही चैंपियन

नई दिल्ली भारत की ने वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियनशिप में चीन की लेई टिंगजी के खिलाफ आर्मेगेडन गेम को ड्रॉ कराने के बाद खिताब अपने नाम किया। 32 साल की भारतीय खिलाड़ी ने चीन की एक अन्य खिलाड़ी टांग झोंगयी के खिलाफ शानदार वापसी करते हुए 12वें और अंतिम राउंड में जीत हासिल की। इस जीत से उन्हें टिंगजी के खिलाफ टाईब्रेकर मुकाबला खेलने का मौका मिला। भारत के ही विश्वनाथन आनंद ने वर्ष 2017 में इस टूर्नमेंट की ओपन कैटिगरी में खिताब जीता था। मौजूदा फॉर्मेट में वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गई हैं हंपी। 2016 में लिया था ब्रेक हंपी ने 2016 में मां बनने के बाद शतरंज से कुछ समय (2 साल) के लिए ब्रेक लिया था, जिससे की भारत के शतरंज प्रेमी काफी निराश हुए थे। वर्ष 2018 में जब वह खेल में वापस लौटीं तो लोगों को लगा की वह पहले की तरह प्रदर्शन नहीं कर पाएंगी लेकिन हंपी ने अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान कर दिया। इस भारतीय ने कहा कि जब मैंने तीसरे दिन अपना पहला गेम शुरू किया तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं शीर्ष पर रहूंगी। मैं शीर्ष तीन में रहने की उम्मीद कर रही थी। मैंने टाई-ब्रेकर गेम खेलने की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मैंने पहला गेम गंवा दिया लेकिन दूसरे गेम में वापसी की। यह गेम बहुत जोखिम भरा रहा लेकिन मैंने इसमें जीत हासिल की। हंपी ने 12 राउंड में कुल नौ पॉइंट्स जुटाए, जिससे वह टिंगजी और तुर्की की एकेटरिना अटालिक के बराबर पहुंचीं। हंपी ने पहले पांच राउंड में 4.5 पॉइंट्स बनाकर अच्छी शुरुआत की और इसके बाद वह रूस की इरिना बुलमागा के खिलाफ मिली हार से थोड़ा पिछड़ गईं। हंपी को मजबूत वापसी की जरूरत थी और उन्होंने अंतिम दो राउंड में जीत हासिल की।


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