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IND vs NZ, 4th Odi: रोहित की अगुआई में क्या 52 साल बाद सीरीज में बड़ी जीत हासिल कर पाएगी टीम इंडिया?
न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज भारत ने 3-0 से अपने नाम कर ली है और अब बाकी बचे हुए मैचों में टीम इंडिया के पास बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने का मौका है. विश्व कप को अब ज्यादा समय नहीं बचा है और ऐसे में टीम के पास न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे और पांचवें मैच के रूप में यह जानने का एक मौका है कि उनके युवाओं खिलाड़ियों में क्या खास है. गुरुवार को टीम हेमिल्टन में मेजबान के खिलाफ चौथा वनडे खेलने उतरेगी और उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती नियमित कप्तान विराट कोहली के बिना भी अपनी लय को बरकरार रखने की होगी. कोहली का न्यूजीलैंड दौरा तीसरे वनडे के साथ ही खत्म हो गया था और बाकी बचे दो वनडे और तीन टी20 मैचों की सीरीज से आराम दिया गया है. ऐसे में टीम की जिम्मेदारी रोहित शर्मा के कंधों पर आ गई है. अब देखना होगा कि नियमित कप्तान की गैरमौजूदगी में रोहित टीम कां संभालने और जीत की लय को बरकरार रखने में कितना सफल हो जाते हैं. IND vs NZ: कोहली की जगह ले सकते हैं शुभमन गिल, जानें क्या हो सकती है भारत की अंतिम एकादश रोहित अपना 200वां वनडे मैच खेलने मैदान पर उतरेंगे और उन पर एक खास जिम्मेदारी भी होगी. ऐसे में उनकी कोशिश एक और इतिहास रचने की होगी. अगर भारतीय टीम हेमिल्टन में बाजी मारकर अपनी बढ़त को 4-0 कर लेती तो है 52 साल के इतिहास में किसी भी प्रारूप में न्यूजीलैंड में यह उसकी सबसे बड़ी जीत होगी. इससे पहले 1967 न्यूजीलैंड दौरे में ऐसी जीत मिली थी. धोनी के खेलने पर पर संशय [caption id="attachment_187835" align="alignnone" width="1002"] फोटो साभार: बीसीसीआई[/caption] मांसपेशियों में खिंचाव के कारण तीसरे वनडे में एमएस धोनी की जगह दिनेश कार्तिक को मौका नहीं मिला था. हालांकि धोनी ने नेट्स पर अभ्यास किया है और उनकी चोट ज्यादा गंभीर नहीं है. लेकिन इसके बावजूद उनकी उपलब्धता गुरुवार को ही पता चलेगी. लेकिन टीम मैनेजमेंट आगे के शेड्यूल को देखकर उन्हें थोड़ा और आराम दे सकती है. कार्तिक ने भी तीसरे वनडे में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. इंटरनेशनल क्रिकेट में गिल रख सकते हैं कदम अंडर 19 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य शुभमन गिल इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण कर सकते हैं. गिल ने घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और हार्दिक पांड्या और केएल राहुल पर निलंबन लगने के कारण इस दौरे के लिए उन्हें टीम में जगह दी गई थी. टीम इंडिया के पास अब उनकी क्षमता को आंकने का भी मौका है. हालांकि खुद विराट कोहली भी इस युवा बल्लेबाज के फैन हैं. कोहली ने कहा था कि जह वह गिल की उम्र के थे तो वह इस गिल के 10 प्रतिशत भी नहीं थे. लोग गिल में कोहली की झलक देखते हैं और उम्मीद की जा सकती है कि चौथे वनडे में उनको परखा जा सकता है. गेंदबाजी विभाग में भी बदलाव भारतीय गेंदबाज अभी बेहतरीन लय में चल रहे हैं और न्यूजीलैंड को जमकर परेशान भी कर रहे हैं. चौथे वनडे में गेंदबाजी विभाग में भी बदलाव की संभावना है. आने वाले शेड्यूल को देखकर टीम मैनजमेंट दो बार मैन ऑफ द मैच रहे चुके मोहम्मद शमी को आराम दे सकता है. जिस वजह से खलील अहमद या मोहम्मद सिराज में से किसी एक और मौका मिल सकता है. स्पिन जोड़ी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को एक बार फिर जोड़ी के रूप में उतारा जा सकता है. शुरुआती दोनों मैचों में इस स्पिन जोड़ी ने कुल मिलाकर छह छह विकेट लिए थे. लेकिन तीसरे वनडे में चाइनामैन बल्लेबाज को अपनी गेंदबाजी में उलझा नहीं पाए. भुवी सफल गेंदबाज रहे, लेकिन उन्होंने ओवर में काफी रन लुटाए. हालांकि शमी पहले ही स्पैल में भारत को सफलता दिलाने में सफल रहे. फील्डिंग पर देना होगा ध्यान न्यूजीलैंड दौरे को भारत के लिए विश्व कप की तैयारियों की तरह देखा जा रहा है और यहां पर बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही विभाग में टीम ने अपनी पूरी तैयारियां दिखाई, लेकिन फील्डिंग में खामियां भी नजर आई, जिसे फिलहाल तो गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने छुपा लिया, लेकिन विश्व कप में एक छोटी सी चूक भारी पड़ सकती है. पहले वनडे में अंबाती रायुडू का फील्डिंग में काफी धीमा और केदार जाधवन का विलियमसन का शुरुआत में ही कैच छोड़ना. इसके बाद विलियमसन ने बड़ी पारी खेली दी. हालांकि गेंदबाजों ने कम स्कोर पर टीम को रोक दिया. दूसरे वनडे में भी रन आउट के काफी मौेके मिले थे, लेकिन टीम वहां पर भी चूक गई. तीसरे वनडे में हालांकि फील्डिंग में कोशिशें जरूर दिखाई दी, लेकिन रन आउट के दौरान डायरेक्ट हिट के दौरान टीम इंडिया चूकी. शीर्ष बल्लेबाबजी क्रम मेजबान की परेशानी मेजबान की सबसे ज्यादा परेशानी शीर्ष क्रम का लचर प्रदर्शन है. पिछले तीनों मैचों में शीर्ष बल्लेबाजी क्रम क्रीज पर नहीं टिक पाया. हालांकि पहले मुकाबले में विलियमसन ने अर्धशतकीय पारी खेली थी, लेकिन उन्हें बाकी बल्लेबाजों का साथ नहीं मिल पाया. तीसरे वनडे में टॉम लाथम और रोस टेलर ने धीमी ही सही, लेकिन एक मजबूत साझेदारी की थी. लेकिन भारतीय अटैक को वो भी लंबे समय तक नहीं झेल पाए. गेंदबाज भी भारतीय बल्लेबाजों को चुनौती देने में अभी तक नाकाम ही रहे है.
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