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श्रीसंत ने पुलिस के डर से कबूली स्पॉट फिक्सिंग की बात, SC ने कहा BCCI को क्यों नहीं बताया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जीवनभर के प्रतिबंध का सामना कर रहे क्रिकेट खिलाड़ी एस श्रीसंत से सवाल किया कि 2013 में कथित स्पॉट फिक्सिंग के बारे में उससे संपर्क किए जाने की जानकारी तत्काल ही बीसीसीआई को क्यों नहीं दी. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने श्रीसंत की याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि इस पूरे प्रकरण में उसका आचरण अच्छा नहीं था. श्रीसंत ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यातना के डर से उन्होंने स्पॉट फिक्सिंग की बात कबूल ली थी. श्रीसंत इस समय सनसनीखेज स्पॉट फिक्सिंग मामले में संलिप्तता की वजह से जीवन भर के प्रतिबंध का सामना कर रहे हैं. श्रीसंत को कथित स्पॉट फिक्सिंग से संबंधित आपराधिक मामले में निचली अदालत 2015 में आरोप मुक्त कर चुकी है. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान श्रीसंत की ओर से दलील दी गई कि क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा उस पर लगाया गया जीवन भर का प्रतिबंध बहुत ही कठोर है और इस दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं है कि वह किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त थे. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान श्रीसंत की ओर से दलील दी गई कि क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा उस पर लगाया गया जीवन भर का प्रतिबंध बहुत ही कठोर है और इस दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं है कि वह किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त थे. श्रीसंत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि राजस्थान रायल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मोहाली में मई, 2013 में खेले गये आईपीएल मैच में किसी भी प्रकार की स्पाट फिक्सिंग साबित नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसा भी कोई साक्ष्य नहीं है कि इस खिलाड़ी को ऐसा करने के लिये कोई पैसा मिला था. बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पराम त्रिपाठी ने श्रीसंत के वकील द्वारा टेलीफोन वार्ता के अनुवाद की सत्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इसका जवाब दाखिल करेंगे. त्रिपाठी ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के अतिरिक्त दस्तावेजों का जवाब दाखिल करेंगे. इस पर पीठ ने उन्हें इसकी अनुमति देते हुए याचिका पर सुनवाई 20 फरवरी के लिये स्थगित कर दी. न्यायालय ने कहा कि श्रीसंत के वकील भी रिकॉर्ड पर लाई गई टेलीफोन वार्ता की पूरी अनूदित प्रतिलिपि की प्रमाणित प्रति दाखिल कर सकते हैं. श्रीसंत ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि उन्हें इंग्लिश काउन्टी मैच खेलने का प्रस्ताव मिला है और बीसीसीआई की उम्र भर के प्रतिबंध की सजा बहुत ही कठोर है.
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