क्रिकेटर जिसकी कप्तान से हुई तल्खी, फिर मेसेज कांड
केविन के पिता जेनी पीटरसन साउथ अफ्रीकी थे जबकि उनकी मां पैनी इंग्लैंड की रहने वाली थीं। उन्होंने 17 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। वह साउथ अफ्रीका की नटाल 'बी' टीम के लिए खेले। दिलचस्प है कि वह शुरुआत में ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते और निचले क्रम पर बल्लेबाजी को उतरते थे।
साल 1999 में इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया और नटाल के खिलाफ तीन दिवसीय मैच खेला। पीटरसन ने उस मैच में इंग्लैंड के 4 बल्लेबाजों को आउट कर अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई जिसमें इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान नासिर हुसैन भी शामिल थे। फिर हुसैन ने ही उन्हें इंग्लैंड की घरेलू क्रिकेट लीग में संपर्क बनाने में मदद की जिसके बाद पीटरसन को 5 महीने के लिए इंग्लैंड में क्लब क्रिकेट खेलने का मौका मिला।
इंग्लैंड में क्लब क्रिकेट खेलते वक्त पीटरसन को लगा कि ऑफ स्पिनर के तौर पर उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे। इसी वजह से उन्होंने बल्लेबाजी पर ध्यान दिया और सुधार के लिए घंटों प्रैक्टिस करते। वह नटाल वापस लौटे लेकिन 2000 में उन्हें उस टीम से हटा दिया गया।
साउथ अफ्रीका की सोशल कोटा प्रणाली के तहत टीम में 4 अश्वेत खिलाड़ियों को प्लेइंग-XI में जगह देना जरूरी होता है। इसी वजह से पीटरसन काफी निराश हुए और उन्होंने साउथ अफ्रीका छोड़ने का मन बना लिया। फिर वह इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने नॉटिंगमशायर के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और काउंटी क्रिकेट में नाम कमाया।
साल 2004 में केविन पीटरसन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ इंटरनैशनल डेब्यू किया और अपने पहले वनडे मैच में वह 27 रन बनाकर नाबाद लौटे। उन्होंने अगले ही साल साउथ अफ्रीका के खिलाफ ब्लोमफोंटेन में करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ा। उन्होंने 2 फरवरी 2005 में इस मैच में नाबाद 108 रन की पारी खेली। जब वह इस सीरीज के लिए साउथ अफ्रीका गए थे, तो उनके खिलाफ हूटिंग तक की गई लेकिन बाद में उन्होंने वहां भी बड़ी संख्या में अपने फैंस बनाए।
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साल 2007 में पीटर मूर्स इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कोच बने। 2008 में पीटरसन को इंग्लैंड की कप्तानी सौंपी गई लेकिन वह ज्यादा समय तक अपनी टीम का नेतृत्व नहीं कर सके। साल 2009 तक ही पीटरसन और पीटर मूर्स के बीच विवाद शुरू हो गए। फिर पीटरसन ने यहां तक कह दिया था कि वह मूर्स के साथ काम नहीं कर सके जिसके बाद ईसीबी ने मूर्स को हटा दिया और पीटरसन से कप्तानी भी छीन ली गई।
साल 2012 में केविन पीटरसन का एक मेसेज लीक हो गया था जिसके कारण इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और कोच एंडी फ्लॉवर से उनका विवाद खुलकर सामने आ गया। पीटरसन ने इन दोनों के खिलाफ एक मेसेज साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों को फॉरवर्ड किया जिसमें फ्लॉवर और स्ट्रॉस के खिलाफ अपशब्द लिखे थे। मेसेल लीक होते ही पीटरसन को टीम से बाहर कर दिया गया था।
केविन पीटरसन ने करियर में 104 टेस्ट मैचों में कुल 8181 रन बनाए जिसमें 23 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने वनडे इंटरनैशनल में 136 मैचों में कुल 4440 रन बनाए जबकि टी20 इंटरनैशनल में उनके नाम 37 मैचों में कुल 1176 रन दर्ज हैं।
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